
जैसे ही हॉल के दरवाजे खुले, और राम-लखन की गरजती एंट्री हुई , लक्ष्य की रीड की हड्डी में ठंडक सी उतर गई।
सामने का नजारा देख कर उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं। एक ओर बर्फ सा सफेद व्हाइट टाइगर, दूसरी ओर स्याही रात सा ब्लैक पैंथर . उन दोनों डरावने जानवर को देख कर लक्ष्य का पूरा बदन कांप गया। उसके हाथो से कॉफी का कप गिरते-गिरते बचा। उसका गला सूख गया, आवाज हलक में अटक गई। उसके दिल की धड़कन जैसे उसके कानों में धमक रही हो। वो धीरे से पीछे हटते हुए सोफे के हेड से लग चूका था , जैसे वहां से भागना चाहता हो लेकिन उसके पैर कांप रहे थे

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